कोलकाता अग्निकांड मामले में होटल मालिक और मैनेजर गिरफ्तार, 14 लोगों की हुई थी मौत
जांच के मुताबिक होटल एक ऐसा टाइम बम बन गया था जो लगभग हर मौलिक अग्नि सुरक्षा विनियमन का घोर उल्लंघन करते हुए काम कर रहा था। अधिकारियों ने बताया कि लोगों की मौत का कारण दम घुटना ही रहा जो भागने के लिए रास्ता नहीं मिलने और हवा की आवाजाही के समुचित इंतजाम नहीं होने के कारण हुई।

पश्चिम बंगाल में कोलकाता के घनी आबादी वाले बड़ा बाजार इलाके में लगी भीषण आग के मामले में पुलिस ने गुरुवार तड़के रितुराज होटल के मालिक और मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया। गौरतलब है कि मंगलवार रात छह मंजिला रितुराज होटल में लगी आग में कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई थी।
पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करने के बाद होटल के मालिक आकाश चावला और उसके मैनेजर गौरव कपूर को हिरासत में ले लिया है। दोनों के खिलाफ जिन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, उनमें धारा 105 भी शामिल है जो गैर इरादतन हत्या से संबंधित है। इसके साथ ही इनके खिलाफ पश्चिम बंगाल अग्निशमन सेवा अधिनियम के कई प्रावधानों के तहत मामले भी दर्ज किए गए हैं।
त्रासदी के दौरान होटल के 42 कमरों में 88 मेहमान ठहरे हुए थे। इस भीषण त्रासदी से राज्यभर में आक्रोश का माहौल है, जिसके कारण शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों में अग्नि सुरक्षा मानदंडों के प्रवर्तन पर नए सिरे से जांच शुरू कर दी है।
इस बीच पुलिस सूत्रों ने बताया कि आग से बचने के लिए छत से कूदने की कोशिश करने के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि दो बच्चों सहित 13 व्यक्तियों की धुएं के कारण दम घुटने से मौत हो गई। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि 14 मृतकों में से 12 की पहचान कर ली गई है और उनके शव पोस्टमार्टम के बाद परिवारों को सौंप दिए गए हैं। शेष दो की पहचान के प्रयास जारी हैं।
जांच के मुताबिक होटल एक ऐसा टाइम बम बन गया था जो लगभग हर मौलिक अग्नि सुरक्षा विनियमन का घोर उल्लंघन करते हुए काम कर रहा था। अधिकारियों ने बताया कि लोगों की मौत का कारण दम घुटना ही रहा जो भागने के लिए रास्ता नहीं मिलने और हवा की आवाजाही के समुचित इंतजाम नहीं होने के कारण हुई। किसी की भी मौत आग में झुलसने से नहीं हुई। जांच में यह भी पता चला कि होटल के अग्नि सुरक्षा अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) को आखिरी बार 2022 में जारी किया गया था। इसका नवीनीकरण नहीं किया गया था। इमारत का एकमात्र प्रवेश और निकास बिंदु केवल आठ फुट चौड़ा एक संकीर्ण द्वार था, जिससे निकासी के दौरान भारी अड़चन पैदा हुई थी।
इस बीच अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवा राज्य मंत्री सुजीत बसु ने कहा, यह एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और हम मामले के हर पहलू की जांच करेंगे। जांच जारी है और मैं इस समय विस्तृत जानकारी नहीं दे सकता। मुख्यमंत्री व्यक्तिगत रूप से मामले की निगरानी कर रही हैं और सभी अपराधियों पर मामला दर्ज किया जाएगा।
कोलकाता नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि होटल की पहली मंजिल पर अवैध निर्माण चल रहा था जहां नगर निगम की मंजूरी के बिना डांस बार बनाया जा रहा था। अधिकारी ने कहा, इस अनधिकृत कार्य ने इमारत की दूसरी सीढ़ी को अवरुद्ध कर दिया और कई खिड़कियों को बंद कर दिया, जिससे संभावित भागने के रास्ते बंद हो गए और वेंटिलेशन बंद हो गया।
अधिकारी ने कहा, आग लगने के समय दूसरी सीढ़ी पर लगा शटर नीचे गिरा हुआ था। आग से बचने के लिए केवल एक संकरा रास्ता बचा था। उन्होंने बताया कि इस अवरोध ने कई लोगो को मौत के मुंह में धकेल दिया। इस बीच कोलकाता नगर निगम और अग्निशमन विभाग ने घटना की समानांतर जांच की घोषणा की है। पुलिस अभी मामले की पूरी जांच में लगी हुई है।