Janmastami :पटना के इस्कॉन मंदिर, समेत अन्य मंदिरों में जन्माष्टमी को लेकर रंग-बिरंगी लाइटों से की गई भव्य सजावट

Janmastami :पटना के इस्कॉन मंदिर, समेत अन्य मंदिरों में जन्माष्टमी को लेकर रंग-बिरंगी लाइटों से की गई भव्य सजावट

Janmastami :पटना के इस्कॉन मंदिर, समेत अन्य मंदिरों में जन्माष्टमी को लेकर रंग-बिरंगी लाइटों से की गई भव्य सजावट

राजधानी पटना में भाद्रपद कृष्ण अष्टमी व रोहिणी नक्षत्र के सुयोग में सोमवार को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का पावन पर्व जन्माष्टमी मनायी जायेगी. गृहस्थजन, स्मार्त व सनातन धर्मावलंबी आज कई शुभ योगों के सुयोग में जन्माष्टमी का व्रत रखकर अपने कान्हा का जन्मोत्सव मनायेंगे. शहर में सुबह से देर रात तक जन्माष्टमी की धूम रहेगी. जन्माष्टमी को लेकर बाजारों में माखन चोर के साथ विभिन्न लीलाओं की मूर्तियां, ड्रेस, साज-सज्जा और बच्चों की ड्रेस की खूब बिक्री हुई. सोमवार की रात 12 बजते ही भगवान के धरती पर अवतरण लेंगे और घरों व मंदिरों में ‘हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की’…, ‘नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की’ से गूंज उठेगा.

कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर राजधानी के इस्कॉन मंदिर, गौड़ीय मठ मंदिर व पटना के प्रसिद्ध महावीर मंदिर सहित अन्य मंदिरों की रंग -बिरंगी रोशनियों से भव्य सजावट की गयी है. इस्कॉन मंदिर में प्रतिवर्ष होने वाले श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव अनोखा होता है. इसके तहत त्रिदिवसीय कार्यक्रम के तहत रविवार को प्रथम दिन दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक श्रीकृष्ण लीला की प्रस्तुति की गयी.वहीं कलाकारों ने राधा-कृष्ण प्रेम-प्रसंग पर आधारित नृत्य की प्रस्तुति दी. वहीं लव-कुश टावर स्थित आध्यात्मिक सत्संग समिति के सभागार में श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया.

कृष्ण जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में कई स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कई मंदिरों में रविवार को भी भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया.भाद्रपद कृष्ण अष्टमी व रोहिणी नक्षत्र के सुयोग में सोमवार को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का पावन पर्व जन्माष्टमी मनाया जायेगा. गृहस्थजन, स्मार्त व सनातन धर्मावलंबी आज कई शुभ योगों के सुयोग में जन्माष्टमी का व्रत रखकर अपने कान्हा का जन्मोत्सव मनायेंगे, वही इस्कॉन मंदिर पटना के तत्वावधान में प्रतिवर्ष होने वाले श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महामहोत्सव अपने आप में अनोखा होता है. इसके तहत त्रिदिवसीय कार्यक्रम के तहत रविवार को प्रथम दिन दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक श्रीकृष्ण लीला की प्रस्तुति की गयी.