उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण में किसका पलड़ा रहेगा भारी, मतदान के...
उत्तर प्रदेश में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पहले चरण का मतदान जारी है। इस चरण में पश्चिमी यूपी के 11 जिलों की 58 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जा रहे हैं । इस चरण में सवा दो करोड़ से ऊपर मतदाता 623 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। जिन जिलों में मतदान होना है उनमें शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर, हापुड़, बुलन्दशहर, अलीगढ़, मथुरा और आगरा शामिल हैं।
चुनाव के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय बलों की 796 कंपनियां तैनात की गई हैं। इनमें से 724 कंपनियां बूथ ड्यूटी पर हैं जबकि 15 कंपनियां स्ट्रॉन्ग रूम सिक्योरिटी पर और 5 कंपनियां ईवीएम सिक्योरिटी पर तैनात की गई हैं। वहीं, 66 कंपनियां लॉ एंड ऑर्डर ड्यूटी पर तैनात हैं। इसके अलावा यूपी पुलिस की ओर से PAC की 27 कंपनियां तैनात की गई हैं।
यूपी चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अपनी ताकत झोंक दी है। मुख्य मुकाबला सपा और भाजपा के बीच बताया जा रहा है। हालांकि बसपा और कांग्रेस भी रेस में हैं। पिछले चुनाव की बात करें तो 2017 के विधानसभा चुनाव में इन 58 सीटों पर बीजेपी का दबदबा था। 58 में से 53 सीट बीजेपी के ख़ाते में गई थी. सपा-बसपा ने 2-2 सीटें हासिल की थी।इस बार बीजेपी ने 23 सीटों पर उम्मीदवार बदल दिए हैं। सपा और रालोद गठबंधन के साथ ही बहुजन समाज पार्टी ने भी उम्मीदवार बदले हैं। इस बार रालोद और सपा गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं बीएसपी और कांग्रेस अकेले ही चुनाव में हाथ आजमा रहे हैं।
आज जिन विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हो रहा है, वहां जाट मतदाताओं की बहुलता है। मुस्लिम मतदाता भी अच्छी खासी संख्या में है। ऐसा माना जा रहा है कि इस बार भाजपा की राह आसान नहीं होगी, क्योंकि सपा रालोद गठबंधन के कारण जाट समुदाय का वोट बंटने की संभावना है। वहीं किसान आंदोलन का भी असर पड़ सकता है।
चुनाव पूर्व सर्वे पर यकीन करें तो ये तय मान सकते हैं कि भले ही सीटें कम होंगी लेकिन भाजपा यहां सबसे बड़ी पार्टी बनी रहेगी। यूपी की 403 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। आज के बाद दूसरे चरण का मतदान 14 फरवरी को कराया जाएगा। 20 फरवरी को तीसरे, 23 फरवरी को चौथे, 27 फरवरी को पांचवे, 3 मार्च को छठे और 7 मार्च को सातवें चरण की वोटिंग होगी। वहीं 10 मार्च को चुनाव के नतीजे आएंगे.