गुजरात में टाटा मोटर्स फोर्ड कम्पनी के प्लांट में बनाएगी कारें, 2 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों का करेगी उत्पादन
देश की प्रमुख वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स जिसने साणंद में एक बड़ी राशि के लिए फोर्ड इंडिया की पैसेंजर कार मैन्युफेक्चरिंग प्लांट का अधिग्रहण करने का प्रस्ताव दिया है, अब कंपनी का इरादा अतिरिक्त 2,000 करोड़ रुपये का निवेश करने और साल 2026 तक दो लाख इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण करने का है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शीर्ष सूत्रों ने कहा कि टाटा मोटर्स ने गुजरात सरकार को आश्वासन दिया है कि वह फोर्ड इंडिया के मैन्युफेक्चरिंग प्लांट के मौजूदा कर्मचारियों में से किसी की भी छंटनी नहीं करेगी। टाटा मोटर्स ने लैंड ट्रांसफर (भूमि हस्तांतरण) दर में रियायत की मांग की है। कंपनी ने भूमि के जंत्री दर का 20 प्रतिशत भुगतान करने का प्रस्ताव दिया है, जो 66 करोड़ रुपये होता है। साथ ही कंपनी ने शेष बचे एलिजिबल इंसेंटिव के लिए भी कहा है जो फोर्ड को 2030 तक देने का वादा किया गया था। इस घटनाक्रम के करीबी सूत्रों ने कहा कि टाटा मोटर्स द्वारा मांगी गई इन दो प्रमुख रियायतों को सरकार ने मान लिया है। टाटा मोटर्स इस समय साणंद में अपने नैनो प्लांट में 10,000 ईवी बनाती है। यह उस मैन्युफेक्चरिंग प्लांट में 2,000 करोड़ रुपये का निवेश करने का इरादा रखती है, जिसके अधिग्रहण की संभावना है, जिससे वह प्रति वर्ष दो लाख ईवी का निर्माण कर सके। प्रस्ताव पर गुजरात सरकार द्वारा तैयार एक नोट में कहा गया है, "प्रस्तावित अधिग्रहण भारत में ईवी उत्पादन में एक प्रमुख मील का पत्थर बन जाएगा और राज्य में नई टेक्नोलॉजी के लिए स्थानीय क्षमताओं को स्थापित करने के लिए स्थानीय और वैश्विक खिलाड़ियों के हितों को बढ़ावा देगा।" सौदे की एक अहम खासियत यह है कि टाटा मोटर्स फोर्ड के किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं करेगी, जिसने कथित तौर पर लगभग 23,000 लोगों को सीधे तौर पर या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार दिया था।
इस साल की शुरुआत में, टाटा मोटर्स और फोर्ड इंडिया दोनों ने फोर्ड के यात्री वाहन मैन्युफेक्चरिंग प्लांट के स्वामित्व को टाटा मोटर्स को हस्तांतरित करने के लिए एक सहमति प्रस्ताव पेश किया था। हाई पावर्ड कमिटि (उच्चाधिकार प्राप्त समिति) ने हाल ही में बैठक की और प्रस्ताव को मंजूरी दी, जिसमें सौदे के हिस्से के रूप में टाटा मोटर्स द्वारा मांगी गई रियायतें भी शामिल हैं। फोर्ड मोटर कंपनी ने सालाना 2.4 लाख यूनिट और 2.7 लाख इंजन बनाने की क्षमता वाला प्लांट स्थापित करने के लिए 4,500 करोड़ रुपये का निवेश किया था। कंपनी ने पिछले एक दशक में भारत में लगभग 2 बिलियन डॉलर का परिचालन घाटा अर्जित किया है। टाटा मोटर्स गुजरात के साणंद में पहली बार एंट्री करने वालों में से एक थी, जिसमें प्रति वर्ष 1.5 लाख यूनिट्स के निर्माण की क्षमता के साथ 4,500 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था। यह प्लांट इस समय Tigor, Tiago और Tigor EV वैरिएंट बनाती है।