महंत नरेंद्र गिरि की नहीं हुई थी हत्या, CBI ने प्रयागराज कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में किया बड़ा राजफाश
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की म़ृत्यु मामले में शनिवार को केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) ने प्रयागराज की सीजेएम कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। जांच एजेंसी ने महंत के परम शिष्य रहे आनंद गिरि, लेटे हनुमान मंदिर के पूर्व पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप को आत्महत्या के लिए उकसाने व षडयंत्र की धारा में आरोप पत्र दाखिल किया। कोर्ट में दाखिल किए गए 19 पेज के आरोप पत्र में सीबीआइ ने बड़ा दावा किया है। आरोप पत्र में जांच एजेंसी ने कहा है कि महंत नरेंद्र गिरि की हत्या नहीं हुई थी। देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआइ की जांच में यह साफ हो चुका है।महंत नरेंद्र गिरि की म़ृत्यु के बाद सीबीआइ की दिल्ली टीम पिछले दो माह से पूरे मामले की छानबीन कर रही थी, लेकिन इस दौरान महंत की हत्या के बिंदु पर कोई साक्ष्य नहीं मिल सका। अलबत्ता आत्महत्या से पूर्व महंत की ओर से बनाया गया वीडियो और उनके सुसाइड नोट को खुदकशी का सबसे बड़ा आधार बनाया गया है। सूत्रों का कहना है कि जांच के दौरान मठ, मंदिर और महंत से जुड़े तमाम लोगों के बयान दर्ज किए गए थे। इस दौरान उन्होंने महंत की किसी भी शख्स से दुश्मनी होने की जानकारी नहीं दी। शुरुआती जांच, पूछताछ में आत्महत्या से संबंधित साक्ष्य ही मिले।