भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने उन 44 लोगों की सूची की घोषणा की, जिन्हें हजारों छात्रों के जीवन को समृद्ध बनाने के लिए 5 सितंबर को शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार मिलेगा. इनमें बिहार के दो शिक्षकों हरिदास शर्मा और चंदना दत्त का इस बार राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयन हुआ है. हरिदास शर्मा राजकीयकृत मध्य विद्यालय डरहक रामगढ़ कैमूर के प्रभारी प्रधान शिक्षक हैं. वहीं, चंदना दत्त राजकीयकृत मध्य विद्यालय रांटी मधुबनी में शिक्षिका हैं. बता दें कि शिक्षा के क्षेत्र में अहम और उत्कृष्ट योगदान देने वाले शिक्षकों को हर साल राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा जाता है. राष्ट्रपति के हाथों पांच सितंबर यानी शिक्षक दिवस के दिन चयनित शिक्षकों को पुरस्कार प्रदान किया जाता है. प्रत्येक को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से एक पदक, एक प्रमाण पत्र और 50,000 रुपये का नकद पुरस्कार मिलेगा.बताया जा रहा है कि राज्य स्तरीय कमेटी के पास जिलों से कुल 74 शिक्षकों के नाम इस पुरस्कार के लिए आए था. गहन समीक्षा और उपलब्धियों की विवेचना के बाद राज्यस्तरीय कमेटी ने 74 में से छह शिक्षकों के नाम केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय को भेजा था. नामित छह शिक्षकों में चार पुरुष और दो महिला शिक्षक थे. छह में दो का चयन भारत सरकार द्वारा गठित ज्यूरी ने की है. छह में जिन चार शिक्षकों का चयन राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए नहीं हुआ है, उन्हें बिहार सरकार राज्य पुरस्कार दे सकती है.अंग्रेजी और मैथिली की शिक्षिका चंदना ने बताया कि जब मैं 2005 में एक शिक्षक के रूप में स्कूल में शामिल हुई थी, तब वहां लड़कियां नहीं थीं. लड़कों के साथ बातचीत करते हुए, मैंने उनसे पूछा कि उनकी बहनें स्कूल क्यों नहीं आतीं, लेकिन उनमें से किसी के पास कोई जवाब नहीं था. चंदना दत्त की कोशिशों का ही परिणाम निकला कि गुरबत के कारण बेटियों को स्कूल नहीं भेजने वाले ग्रामीण अपनी बेटियों को सरकारी माध्यमिक विद्यालय में भेजने लगे.