ब्लैक आउट, सायरन बजेगा; पाकिस्तान से तनाव के बीच देश के 244 जिलों में कल होगी मॉक ड्रिल
पाकिस्तान के साथ 1971 की लड़ाई के बाद देश में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर मॉक अभ्यास किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य किसी हमले की स्थिति में लोगों की सुरक्षा और बचाव तैयारियों को पुख्ता करना तथा लोगों को आकस्मिक स्थिति के लिए तैयार करना है।

पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढते तनाव के बीच केन्द्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर विभिन्न राज्यों में बुधवार को होने वाले सिविल डिफेंस मॉक अभ्यास से पहले मंगलवार को यहां केन्द्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ बैठक कर 244 सिविल डिफेंस जिलों में अभ्यास की तैयारियों पर चर्चा की। नार्थ ब्लॉक में सुबह वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से हुई बैठक में केन्द्रीय गृह सचिव के साथ सिविल डिफेंस महानिदेशक और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के महानिदेशक सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव बैठक में वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से शामिल हुए।
बैठक में मुख्य सचिवों से कहा गया है कि वे सभी जिला अधिकारियों के साथ बैठक कर मॉक अभ्यास की तैयारियों को अंतिम रूप दें। मुख्य सचिवों से कुल 244 में से 100 अत्यंत संवेदनशील जिलों पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है। इनमें दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों के साथ साथ भीड़ भाड़ वाले क्षेत्र तथा परमाणु और सैन्य प्रतिष्ठान वाले क्षेत्र शामिल हैं। यह मॉक अभ्यास विशेष रूप से पंजाब , जम्मू कश्मीर, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर के राज्यों और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में किया जायेगा।
पाकिस्तान के साथ 1971 की लड़ाई के बाद देश में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर मॉक अभ्यास किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य किसी हमले की स्थिति में लोगों की सुरक्षा और बचाव तैयारियों को पुख्ता करना तथा लोगों को आकस्मिक स्थिति के लिए तैयार करना है। लोगों को हमले के समय सायरन बजने और ब्लैक आउट के बारे में बताया जाएगा। इसके साथ साथ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने और अन्य अभ्यास भी किये जाएंगे। इस दौरान दुश्मन को भ्रमित करने के लिए महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को हमले के समय किसी तरह से ढकने जैसे अभ्यास भी किये जायेंगे।